Monday 21 January 2013

एलन ट्युरिंग अमर है!

                                                       

                            एलन ट्युरिंग अमर है!

        
एलन ट्युरिंग
            एलन ट्युरिंग
       
भविष्य मे जब भी इतिहास की किताबे लिखी जायेंगी, एलन ट्युरिंग का नाम न्युटन, डार्विन और आइंस्टाइन जैसे महान लोगो के साथ रखा जायेगा। ट्युरिंग की दूरदर्शिता ने मानवता को संगणन, सूचना तथा पैटर्न का महत्व सीखाया और उनके जन्म के 100 वर्ष पश्चात तथा दुःखद मृत्यु के 58 वर्ष पश्चात, उनकी विरासत जीवित है और फल-फुल रही है।
आपके आसपास कोई उपकरण यदि गणना करने मे सक्षम है तो आपको एलन ट्युरींग का आभारी होना चाहिये। एलन ट्युरिंग शताब्दियों मे जन्म लेने वाले व्यक्ति थे, उनकी गणितिय खोजो ने एक युद्ध को समाप्त करने मे सहायता दी थी , वहीं कम्प्युटर क्रांति की नींव रखी थी।
एलन ट्युरिंग एक ऐसे व्यक्तित्व थे, जिसकी बुद्धिमत्ता और दुःखांत वाली कहानी उपन्यासो, कथाओ से बाहर नही मिलती है।
एप्पल लोगो
एप्पल लोगो
इस शनिवार 23 जुन को उनका 100वाँ जन्मदिन था। 23 जुन 1912 को छत्रपुर(Chhatrapur), उड़ीसा भारत मे गर्भ मे आये और लंदन मे जन्मे इस महान गणितज्ञ को 41 वर्ष की आयु मे 7 जुन 1954 को साइनाइड वाले सेब का एक भाग खा कर आत्महत्या करने मजबूर होना पढ़ा था। यह भी माना जाता है विश्व विख्यात कंप्युटर कंपनी एप्पल का लोगो भी एलन ट्युरिंग को एक मूक श्रृद्धांजलि है।
यह जानना लगभग असंभव है कि इस महान गणितज्ञ की असमय मौत से इस मानवता ने क्या खोया है।
1936 मे एलन ट्युरिंग ने 23 वर्ष की आयु मे एक शोधपत्र प्रकाशित किया था, आधुनिक कंप्युटर की निंव इसी शोधपत्र पर रखी गयी है। यह शोधपत्र वास्तविकता मे एक दूसरी गणितीय समस्या डेवीड हील्बर्ट की पहेली Entscheidungsproblem के समाधान के लिये लिखा गया था। ट्युरिंग ने प्रमाणित किया था कि इस पहेली को हल नही किया जा सकता लेकिन इस शोधपत्र मे उन्होने एक ट्युरींग मशीन का जिक्र किया था जोकि आधुनिक कंप्युटर की रूपरेखा है। इस ट्युरिंग मशीन को सूचना श्रोत के रूप मे एक अनंत टेप दिया जाना था, ट्युरिंग मशीन इस श्रोत टेप से 1 और 0 की अनंत श्रृंखला को पढ़, लिख या याद रख सकती थी, इसके साथ ही विभिन्न अनुदेशो या शर्तो के आधार बाइनरी अंको(1/0) का संसाधन कर सकती थी।
यही एक आधुनिक कंप्युटर का सिद्धांत है, जिसमे बायनरी अंक है, लिखी/पढ़ी जा सकने वाली स्मृति(Read/Write Memory) है, साथ ही अनुदेशो(instructions) के रूप मे साफ्टवेयर भी है, अनंत टेप और उसे पढ़ने/लिखने के लिये उपकरण हार्डवेयर भी है।
एलन ट्युरींग ने डिजीटल कंप्युटींग का एक ऐसा गणितीय आधार दे दिया था जिसमे समय के थपेड़ो को सह कर अपने आप को प्रमाणित किया है।
ट्युरिंग का इस मशीन के निर्माण का कोई इरादा नही था, उन्हे तो शायद अपने कार्य के महत्व का भी अंदाजा भी नही था। उन्होने द्वितिय विश्वयुद्ध मे ट्युरिंग बामे(Turing Bombe) बनाया था जोकि जर्मन कुट संदेशो(Encrypted Mesaage) को समझ सकने(decipher) वाला इलेक्ट्रानिक उपकरण था। इस उपकरण ने जर्मनी के पराजय मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।
एलन ट्युरिंग समलैंगिक थे जो कि उस समय एक अपराध माना जाता था। इसके लिये उनपर मुकदमा चला और उन्हे दोषी मानकार उन्हे “स्त्री हार्मोन” के इंजेक्शन दिये गये। इसके पश्चात अपमान और ग्लानि से दुःखी होकर उन्होने साइनाइड से भरे सेब को खाकर आत्महत्या कर ली।
उस समय के कानून ने उन्हे सजा दी थी और उन्हे आत्महत्या के लिये मजबूर किया था। लेकिन वर्तमान मे समस्त कंप्युटर (मोबाइल इत्यादि उपकरण समेत) उपभोक्ता  उनके आभारी है। 2009 मे युनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री गार्डन ब्राउन ने ट्युरिंग पर चले मुकदमे के लिये आधिकारिक क्षमा याचना भी की थी।
कम्युटर विज्ञान के पितामह को मेरी हार्दिक श्रद्धांजलि!

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